ऊपर दिए गए लंबे मंत्र की तरह यह भी लंबा है, लेकिन उच्चारण में सरल है। वह इस प्रकार है- इसीलिए इनके विसर्जन को लेकर ध्यान रखें. हे गौरी शंकरार्धांगिं! यथा त्वं शंकरप्रिया। यक्ष राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकम क्षणेन हन हन भंजय भंजय मारय मारय Vashikaran By Composing Name, https://vashikaran04578.affiliatblogger.com/86663595/how-vashikaran-kaise-kare-can-save-you-time-stress-and-money